बिपरजॉय तूफान का राजस्थान में कहर जारी, प्रदेश के इन जिलों में अलर्ट
कोटा बूंदी बारा झालावाड़ करौली टोंक सवाईमाधोपुर जिलो और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना तथा तेज वर्षा के दौर होने की संभावना हैI
Cyclone Biporjoy : बिपरजॉय तूफान का राजस्थान में कहर जारी है. आज भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. बाड़मेर जिले में सबसे अधिक असर दिखा रहा तूफान. मरुस्थल में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. बाड़मेर में 12 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई. वहीं सिरोही जिले में भी 8 इंच से ज्यादा बारिश हुई. बारिश गुलाबी नगरी जयपुर में मौसम सुहाना हुआ. अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद, सिरोही, टोंक, उदयपुर और पाली जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. नागौर ,जोधपुर, जालौर, सवाई माधोपुर, प्रतापगढ़, कोटा, करौली, जयपुर, डूंगरपुर, दौसा, चित्तौड़गढ़, बूंदी, बांसवाड़ा, में भारी बारिश मेघ गर्जन और वज्रपात की आशंका है..
राजस्थान में बिपरजॉय तूफान के असर से शनिवार को बाड़मेर, माउंट आबू, सिरोही, उदयपुर, जालोर, जोधपुर और नागौर में भारी बारिश हुई। बाड़मेर में बाढ़ के हालात बन गए हैं। यहां NDRF की टीम को बुलाया गया है। इस दौरान 50 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। बिपरजॉय 17KM प्रति घंटा की स्पीड से जोधपुर-पाली की तरफ बढ़ रहा है। जयपुर-जोधपुर में रात करीब 8 बजे फिर से बारिश शुरू हो गई।
इन शहरों के लिए अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने बाड़मेर, जालोर और सिरोही में 'रेड अलर्ट' जारी किया है. पाली और जोधपुर के लिए "ऑरेंज अलर्ट" जारी किया गया है. वहीं जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, सीकर, नागौर, झुंझुनू, अजमेर, उदयपुर, राजसमंद, जयपुर, जयपुर शहर, दौसा, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.
अत्यधिक प्रचण्ड चक्रवाती तूफान बिपरजॉय एक शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय चक्रवात है जो पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना है और इसके भारत-पाकिस्तान सीमा के पास लैंडफॉल करने की उम्मीद है। यह 2023 उत्तर हिंद महासागर के चक्रवाती मौसम का तीसरा डिप्रेशन और दूसरा चक्रवाती तूफान है। बिपरजॉय एक डिप्रेशन से उत्पन्न हुआ था, जिसे पहली बार 6 जून को भारत मौसम विज्ञान विभाग ने चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो कर तीव्र होने से पहले नोट किया था। गहरे प्रज्वलित संवहन (Deep flaring convection) के कारण चक्रवात लगातार कमजोर होता गया। बिपरजॉय उत्तर पूर्व की ओर तेजी से बढ़ा और एक एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में श्रेणी 3-समतुल्य उष्णकटिबंधीय चक्रवात बन गया।
चक्रवाती तूफान कम वायुमंडलीय दवाब के चारों ओर तेज रफ्तार से चलने वाली गर्म हवा है, जो कई बार स्थलीय भू-भागों पर विभीषिका यानी बर्बादी का कारण बन जाते हैं. दक्षिणी गोलार्ध में चलने वाली इन गर्म हवा को चक्रवात के नाम से जाना जाता है। यह घड़ी की सुई की दिशा में चलते हैं. उत्तरी गोलार्ध में इन गर्म हवा को हरीकेन या टाइफून कहते हैं जहां यह घड़ी की सुई की उल्टी दिशा में चलते हैं (Cyclonic Storm).
चक्रवाती तूफान का बनना और आगे बढ़ना हवा के तापमान और वायू दाब के अंतर पर निर्भर करता है. गर्म इलाके के समुद्र में तापमान के बढ़ने से हवा गर्म होकर बेहद कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है. इससे हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर उठती है. ऊपर की नमी से मिलकर यह संघनित होती है और बादल का निर्माण करती है. इस घटनाक्रम में तैयार खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है और इस क्रम को लगातार दोहराती है. नतीजतन हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है और कम वायू दाब की ओर तेज रफ्तार से बढ़ते हुए घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश करती है. तेजी से घूमती इस हवा के क्षेत्र का व्यास हजारों किलोमीटर का हो सकता है (Creation of Cyclonic Storm).
चक्रवाती तूफान का नाम विश्व मौसम संगठन और संयुक्त राष्ट्र की प्रशांत एशियाई क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक आयोग खास चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत रखता है. भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े आठ समुद्री देश (भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड) एक साथ मिलकर आने वाले चक्रवाती तूपान के 64 नाम तय करते हैं. यानी हर देश आठ नामों को तय करते हैं. जब चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, तब उसे सूची में शामिल अगला नाम दे दिया जाता है. किसी भी चक्रवाती तूफान के नाम का क्रम नामों के पहले अक्षर के मुताबिक तय किया जाता है. चक्रवाती तूफान के नामकरण की यह प्रकिया साल 2004 में शुरू की गई है (Names of Cyclonic Storm)
राजस्थान में बिपरजॉय से ट्रेनें रद्द, फ्लाइट कैंसिल:4 चार जिलों में 200 मिमी तक भारी बारिश का खतरा; 5 हजार से ज्यादा लोग शिफ्ट
मौसम विभाग ने बाड़मेर, जालोर, सिरोही और पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, रेलवे ने बाड़मेर से होकर गुजरने वाली 14 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसी तरह उदयपुर से दिल्ली और मुंबई जाने वाली दो फ्लाइट भी कैंसिल की गई हैं।
पाकिस्तान बॉर्डर से सटे बाड़मेर के पांच गांव बाखासर, सेड़वा चौहटन, रामसर, धोरीमना गांव के 5 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
गुजरात के बाद तूफान बिपरजॉय का असर अब राजस्थान में दिख रहा है। यहां शनिवार सुबह से ही बाड़मेर, सिरोही, उदयपुर, जालोर, जोधपुर जिलों में बारिश हो रही है। हवाएं 50 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हैं।
राजस्थान में बिपरजॉय से ट्रेनें रद्द, फ्लाइट कैंसिल:4 चार जिलों में 200 मिमी तक भारी बारिश का खतरा; 5 हजार से ज्यादा लोग शिफ्ट
जयपुर44 मिनट पहले
फोटो उदयपुर का है। तेज हवा की वजह से महाराणा भूपाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग की बिल्डिंग का कांच टूट कर गिर गया।
गुजरात के बाद तूफान बिपरजॉय का असर अब राजस्थान में दिख रहा है। यहां शनिवार सुबह से ही बाड़मेर, सिरोही, उदयपुर, जालोर, जोधपुर जिलों में बारिश हो रही है। हवाएं 50 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हैं।
पाकिस्तान बॉर्डर से सटे बाड़मेर के पांच गांव बाखासर, सेड़वा चौहटन, रामसर, धोरीमना गांव के 5 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
चक्रवाती तूफान के असर से बाड़मेर में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश हुई। बरसात से जगह-जगह पानी भर गया।
शुक्रवार को राजस्थान पहुंचा तूफान, डीप डिप्रेशन में एंट्री की
तूफान बिपरजॉय शुक्रवार रात राजस्थान पहुंचा। इसकी रफ्तार कम हो गई है। राज्य में इसका असर रविवार तक रहेगा। तूफान के असर से अब एमपी, यूपी और दिल्ली के कुछ इलाकों में बारिश का दौर शुरू हो गया है।
इससे पहले शुक्रवार को पश्चिमी राजस्थान में आंधी के साथ बारिश हुई। जालोर, बाड़मेर, जोधपुर में एक इंच तक पानी बरसा। बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया। जगह-जगह पेड़ और बिजली के पोल उखड़ गए थे।
बारिश से जुड़े अपडेट्स...
मौसम केन्द्र जयपुर के सीनियर साइंटिस्ट हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस साइक्लोन का आई पॉइंट (मिड) राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर चुका। उस समय सिस्टम की स्थिति डीप डिप्रेशन में रूप में रही और राजस्थान में हवा की स्पीड 40 से 55 KM प्रतिघंटा रही। उन्होंने बताया कि अब यह कमजोर होकर डिप्रेशन के रूप में कन्वर्ट हो गया है।
उत्तर-पश्चिम रेलवे ने जोधपुर-बाड़मेर, बाड़मेर-मुनाबाव, जोधपुर-भीलड़ी, जोधपुर-पालनपुर और अमृतसर-गांधी धाम के बीच चलने वाली 14 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से शनिवार को उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की 2 फ्लाइट कैंसिल कर दी गई है। जानकारी के अनुसार उदयपुर से दोपहर 1 बजे दिल्ली रवाना होने वाली फ्लाइट और शाम 4:30 बजे मुंबई जाने वाली फ्लाइट को कैंसिल किया गया है।
पाली की फैक्ट्रियों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
जोधपुर में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है। इसे देखते हुए कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने जिले के सभी शैक्षणिक संस्थाओं, कोचिंग संस्थाओं, जिम, पर्यटन स्थल और समर कैंप बंद रखने के निर्देश दिए हैं। जोधपुर में आज कुछ स्थानों पर 100MM तक बरसात होने का अनुमान है।
Biparjoy Cyclone LIVE Updates: बिपरजॉय तूफान गुजरात के जखाऊ पोर्ट से टकरा चुका है। तूफान का यह लैंडफॉल आधी रात तक जारी रहेगा। इस दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। अभी तक कोई जानहानि की कोई सूचना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को भी कई जगह भारी बारिश और 125 किमी घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जो 145 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। सौराष्ट्र और कच्छ में दो से तीन मीटर उंची लहरें उठ सकती हैं। निचले इलाकों में पानी भर सकता है। कच्छ, सौराष्ट्र पार करने के बाद 16 जून को तूफान का प्रभाव दक्षिण राजस्थान पर दिखेगा। 17 जून के बाद स्थितियों में सुधार हो सकता है। बिपरजॉय दक्षिणपूर्वी अरब सागर में 6-7 जून को बना था। इसके बाद यह 11 जून को प्रचंड तूफान में बदल गया।
किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से राजस्थान की ओर बढ़ रहा तूफान...इन 15 जिलों में भयंकर आंधी, तूफान, बारिश का Alert
15 जून से आने वाले सात दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश के अलावा आंधी, तूफान और अंधड़ परेशानी पैदा कर सकते हैं।
पिछले एक महीने के दौरान राजस्थान में आए आंधी तूफान और बेवजह ओलावृष्टि से करीब तीस लोगों की जान जा चुकी है। अब जो तूफान आ रहा है वह सबसे भारी हैं। इस तूफान के कारण परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। तूफान की गति गुजरात में एंट्री के समय अभी करीब 130 - 140 किमी प्रति घंटा के हिसाब से है। राजस्थान में पंद्रह तारीख को देर रात तक एंट्री कर सकने वाले इस तूफान की यहां एंट्री करने के बाद स्पीड करीब आधी से ज्यादा यानि अस्सी से सौ किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने का अनुमान है।
weather
इस दौरान राजस्थान के जोधपुर, उदयपुर , अजमेर संभाग असर सबसे ज्यादा होगा। इन संभागों में स्थित बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, चूरू, जैसलमेर, पाली, नागाैर, जोधपुर, सिरोही, राजसमंद में तेज बारिश संभव है और वह भी लगातार 24 घंटे से लेकर चालीस घंटों तक । ऐसे में इन जिलों में खासतौर पर ग्रामीणों और किसाना परिवारों के लिए हालात परेशानी खड़े कर सकते हैं।
मौसम विभाग की माने तो राजस्थान में सात दिनों तक यानि 15 जून से आने वाले सात दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश के अलावा आंधी, तूफान और अंधड़ परेशानी पैदा कर सकते हैं। जनता से सावधानी बरतने की अपील की गई है। बिपरजॉय के कारण 58 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इनमें उत्तर पश्चिम रेलव से गुजरने वाली कम ट्रेनें हैं। बांद्रा टर्मिनस, भुज कच्छ एक्सप्रेस सहित 3 ट्रेनें रद्द रहेंगी। 30 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। राजस्थान में तूफान को लेकर मौसम विभाग का आंकलन है कि चूंकि समुद्र की ओर से आने वाले तूफान धरती पर आते ही हल्के हो जाते हैं। ऐसे में यही उम्मीद लगाई जा रही है कि यह तूफान भी धरती पर आते ही आधी रफ्तार खो सकता है।
Rajasthan Biparjoy Cyclone Red Alert राजस्थान में भी भयंकर तबाही मचाएगा तूफान इन जिलों में सबसे ज्यादा प्रभाव👇👇👇
मौसम के अंदर जयपुर के अनुसार वर्तमान में चल रहे चक्रवात का असर राजस्थान में भी देखने को मिलेगा राजस्थान में यह तक्रवाद 16 जून से लेकर 19 जून तक रहेगा जिसमें 16 जून से 18 जून तक इसका असर ज्यादा रहेगा इसमें से कई जिलों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी दी गई है माना जा रहा है कि राजस्थान के 12 जिलों में इसका असर देखने को मिल सकता है ।
मौसम के अंदर जयपुर के अनुसार चक्रवात की शुरुआत 15 जून से शुरू होगी जो 19 तक चलेगा जिसमें सबसे ज्यादा असर 16 से 18 जून के बीच दिखाई देगा इसमें भी 16 और 17 जून को जोधपुर जयपुर अजमेर और उदयपुर संभाग में भारी औरत की बारिश की संभावनाएं बनी हुई है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मौसम विभाग के अनुसार के अनुसार सभी संबंधित विभागों को बचाव एवं राहत कार्यों के लिए तुरंत तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं अशोक गहलोत ने कहा है कि जिन जिलों में प्रभावित होने की संभावनाएं हैं वह आमजन के बचाव और राहत के लिए जिला प्रशासन 24 घंटे मुस्तैद रहे।
16 जून को बाड़मेर जालौर के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है वहीं जैसलमेर जोधपुर पाली और जालौर में ऑरेंज अलर्ट है बीकानेर राजसमंद सिरोही उदयपुर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है
17 जून को बाड़मेर जोधपुर नागौर जालौर और पाली के लिए रेड अलर्ट है वहीं जैसलमेर बीकानेर अजमेर राजसमंद सिरोही के लिए ऑरेंज अलर्ट रहेगा चूरू सीकर जयपुर, चित्तौड़गढ़ डूंगरपुर बांसवाड़ा के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है इसके अलावा बात करें 18 जून की तो इसके लिए नागौर अजमेर जयपुर टोंक और सवाई माधोपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है जबकि जोधपुर चूरु पाली भीलवाड़ा बूंदी दोसा अलवर करौली जिले के लिए येलोअलर्ट जारी किया गया है।
सरकार की तरफ से 52 टीम तैनात की गई है राज्य आपदा प्रतिसाद बल्कि प्रदेश में आठ कंपनियां हैं सभी संभाग में घायल पर यह कंपनियां तैनात हैं 12-12 जवानों की 52 टीम बनाकर यह तैनाती की गई है!
*जिला प्रशासन अलर्ट, जारी किए हैल्प लाइन नम्बर*
अजमेर, 15 जून। अरब सागर में उठे तूफान के कारण राजस्थान में होने वाले असर पर अजमेर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन ने नागरिकों से सावधान रहने की अपील की है। इसके साथ ही विभिन्न विभागों के हैल्प लाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं।
जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का प्रभाव राजस्थान में 16 जून से 18 जून तक रहेगा। इसके मद्देनजर अजमेर जिले में 17 जून एवं 18 जून को अति तीव्र आंधी एवं वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इसके लिए आपदा प्रबन्धन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा जिला स्तरीय बाढ नियन्त्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है। इसमें सक्षम स्तर से अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अतिरिक्त सम्बन्धित उपखण्ड स्तर पर भी बाढ उप नियन्त्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। तूफान के कारण अति तीव्र वर्षा से होने वाली क्षति के बचाव के लिए समस्त उपखण्ड अधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देश प्रदान किए गए है।
*आमजन से अपील*
उन्होंने बताया कि सुरक्षा कारणों से आमजन को बारिश एवं आंधी के समय सावधान रहने सलाह दी गई है। आमजन अनावश्यक रूप से घरों से बाहर नहीं निकले एवं वृक्षों के नीचे नहीं ठहरे। अति तीव्र वर्षा की स्थिति में तालाब, नदी,नाले पोखर से भी दूर रहें। तूफान के दौरान बिजली के खम्भों व तारों से दूर रहें। पालतू जानवरों को बांध कर रखे तथा खुला नहीं छोडे। मोबाईल व टॉर्च लाइट चार्ज रखें। चक्रवाती तूफान के दौरान पेयजन एवं खाद्य पदार्थ मात्रा में भण्डारण करके रखें। घर में निजी फस्र्ट एड किट (प्राथमिक चिकित्सा किट) जिसमें एण्टीसेप्टीक, पट्टी, दर्द, बुखार, उल्टी दस्त की दवा जरूर रखें। किसी भी आपदा के दौरान सहायता के लिए जिला कलक्टर कार्यालय में चौबीसों घण्टे संचालित बाढ नियन्त्रण कक्ष के दूरभाष संख्या 0145-2628932 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
*अफवाहों से बचें*
उन्होंने बताया कि चक्रवात से पहले अफवाहों पर ध्यान न दें। शांत रहें, घबराएां नहीं। आपातकालीन संचार के लिए अपने मोबाइल फोन को चार्ज रखें एसएमएस का प्रयोग करें। मौसम के अपडेट के लिए रेडियों सुनें। टीवी देखें। समाचार पत्र पढें, अपने दस्तावेजों और कीमती सामान को वाटरप्रूफ कंटेनर में रखें। खाली कमरे में रहने की कोशिश करें। चल वस्तुओं को सुरक्षित रूप से बांध कर रखें। सुरक्षा और उत्तरजीविता के लिए आवश्यक वस्तुओं के साथ एक आपातकालीन फस्र्ट ऎड किट तैयार करें। पर्याप्त खाद्य व पेय पदार्थ का सुरक्षित भण्डारण कर के रखें। अपने घर को सुरक्षित करें। विशेषकर छत को मरम्मत करना, नुकीली वस्तुओं को खुला न छोडें, मवेशियों तथा जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें खुले बाडे में रखें उन्हें पेडों से नहीं बांधे तथा सडक पर नही छोडें। महत्वपूर्ण नम्बरों को एक कागज पर लिख कर सुरक्षित रख लें। अतिरिक्त बैटरी के साथ रेडियो सेट को संभाल कर रखें। यदि आपका घर असुरक्षित है, तो चक्रवात आने से पहले ही निकल जाए। सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचें। कभी भी किसी पेड व बिजली के खंभे के नीचे न खडे हों। गैस उपकरणो की सप्लाई बंद करें।
*चक्रवात के दौरान रेडियो सुनें*
उन्होंने बताया कि चक्रवात के दौरान रेडियो सुने। केवल अधिकारिक चेतावनियों पर भरोसा करें। बिजली के मेन स्विच ऑफ रखे। सभी बिजली के उपकरणों और गैस कनेक्शन को अनप्लग करें। दरवाजे और खिडकियां बंद रखें। घर से बाहर न निकलें, टिन शेड से दूर रहें तथा उनके नीचे नहीं जाएं। बडे होर्डींग, बिजली के खंम्भे व तारों से भी दूर रहें। इस दौरान वाहन के प्रयोग से बचें।
उन्होंने बताया कि चक्रवात के बाद उबला हुआ क्लोरीनयुक्त पानी पिएं। यदि हवा रुकती है तो यह मत समझिए कि चक्रवात का वेग समाप्त हो गया है। तीव्र हवाएं जल्द ही दूसरी दिशा से फिर से शुरू हो सकती हैं। अधिकारिक ऑल क्लियर सिग्नल का इांतजार करें, जब तक आधिकारिक तौर पर सलाह न दी जाए, तब तक बाहर न निकलें। यदि स्थान अथवा निवास खाली कर दिया गया है, तब तक प्रतिक्षा करें जब तक कि वापस जाने की सलाह न दी जाए। क्षतिग्रस्त भवनों में प्रवेश न करें। जितनी जल्दी हो सके एक सुरक्षित आश्रय की तलाश करें। क्षतिग्रस्त विद्युत उपकरणों का उपयोग न करें। पहले किसी इलेक्ट्रीशियन से उनकी जांच करवाएं। आपदा जीवन रक्षा गाइड लाइनों का पालन करें व जरूरतमंद लोगों की मदद करें। गैस सप्लाई लीकेज चेक करें।
*अजमेर जिले के हैल्पलाइन नम्बर*
उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान काम आने वाले महत्वपूर्ण दूरभाष नंबर जिला कंट्रोल रूम 0145-2628932, पुलिस कंट्रोल रूम 100, 0145-2629166, एम्ब्युलेन्स 108, अग्निशमन 0145-2429000, जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय 0145-2425050 पर आवश्यकतानुसार सम्पर्क किया जा सकता है।